बसुधा ने तिरंगा फहराया!

बसुधा ने तिरंगा फहराया !

BY:KD MISHRA
कहते है कि "तस्वीरें बोलती हैं"  ,आज से पहले केवल सुना था , कभी महसूस नहीं किया था लेकिन एक तस्वीर जो कि दैनिक भास्कर रायसेन के 20 जनवरी 2021 के अंक के मुख्य पृष्ठ छपी थी,बोलने लगी लेकिन इसकी आवाज को मेरे कान ने नहीं बल्कि मेरे हृदय ने सुना ,महसूस किया , फिर जो काव्य सृजित हुआ वो नीचे पंक्तियों में है-

दिवाकर ने दे रंग केसरिया,
नभ ने देकर  श्वेत रंग ।
हरियाली लेकर खेतों से,
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।

धरणीधर ने दिया ताल तरंग,
कोयल ने अलाप लगाया ।
भाँति भाँति के फूलों ने,
वसुंधरा को खूब सजाया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया !

वृक्षो नें पत्र हिलाकर के,
धीमे धीमे करतल देकर।
पवन ने मंद मंद स्वर में,
राष्ट्र गान गर्व से गाया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।

सदा पुष्पित सुमन रहे भारत,
पड़ें न कभी गुलामी की छाया।
'दीप' जलता रहे गणतंत्र का ,
सदा फहराता रहे तिरंगा प्यारा।

बसुधा ने तिरंगा फहराया !
बसुधा ने तिरंगा फहराया !

-जारी
©कुल'दीप' मिश्रा

प्रेरणा-



आपको ये काव्य रचना कैसी लगी कमेंट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।आपके द्वारा की गई मेरी बोद्धिक संपदा की समीक्षा ही मुझे और भी लिखने के लिए प्रेरित करती है, प्रोत्साहित करती है।

हार्दिक धन्यवाद !

2 comments:

  1. अद्भुत पंक्तियां भैया जय हिंद जय भारत ����

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    Replies
    1. तह-ए-दिल से हार्दिक धन्यवाद उदित!
      जय हिंद!

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